उत्तराखंड से आज की सुखद तस्वीर: अनाथ बेटी पूजा को 7 जन्मों के लिए मिला फौजी साथी

गरीबी में जीवनयापन कर रही अनाथ पूजा की शादी में गुरुड़ के लोगों ने हर संभव मदद की, और बता दिया कि इंसानियत अभी मरी नहीं है।

बागेश्वर: इस दुनिया में बुराई है तो अच्छाई भी है। आज हम आपको बागेश्वर की एक ऐसी बिटिया के बारे में बताएंगे, जो माता-पिता की मौत के बाद अनाथ हो गई थी।

इस बिटिया को पादरी विक्टर सिंह ने अपनी बेटी की तरह अपनाया और मंगलवार को उसकी शादी सेना के एक जवान के साथ करा दी। पूरा गांव इस मौके पर भावुक नजर आया। बागेश्वर के गागरीगोल में रहने वाली पूजा के माता-पिता का बीमारी के चलते निधन हो गया था। जिसके बाद पूजा और उसका भाई अनाथ हो गए।

मुसीबत के वक्त में रिश्तेदारों ने भी मुंह मोड़ लिया। तब क्षेत्र के पादरी विक्टर सिंह ने दोनों बच्चों को अपनाया और उनकी पढ़ाई की व्यवस्था की। दो दशक के संघर्ष के बाद पूजा की जिंदगी में खुशियों ने दस्तक दी। जखेड़ा लमचुला निवासी देवेंद्र सिंह पूजा का हाथ थामने आगे आए। आगे पढ़िए

मंगलवार को पूजा देवेंद्र संग विवाह बंधन में बंध गई। देवेंद्र भारतीय सेना में कार्यरत हैं। गरीबी में जीवनयापन कर रही पूजा की शादी में गुरुड़ के लोगों ने हर संभव मदद की। कन्यादान में माता-पिता के कर्म नौघर की ग्राम प्रधान नीमा अल्मिया व समाजसेवी पति मोहन सिंह अल्मिया ने हिंदू रीति-रिवाज संपन्न कराए।

पादरी विक्टर ने समाज के सभी लोगों का आभार जताया। पूजा की शादी के मौके पर वो बेहद भावुक नजर आए। इस तरह एक अनाथ बच्ची को अपना कर और उसकी जिंदगी संवार कर गरुड़ के लोगों ने साबित कर दिया कि इंसानियत अभी मरी नहीं है। पादरी विक्टर सिंह जैसे लोग मतलबपरस्ती के इस दौर में उम्मीद की लौ जलाए हुए हैं, इंसानियत को बचाए हुए हैं।

 


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