Mohammad Rafi को वो गाना जो आज भी रुला देता है, रिकॉर्ड करते समय खुद सिंगर भी रोए थे

नई दिल्ली : हिंदी सिनेमा में अब तक एक से बढ़कर एक कई सिंगर आए हैं जिन्होंने अपनी शानदार आवाज से लोगों के दिलों में जगह बनाई है। कभी लोगों को हसाया है तो कभी लोगों को रुलाया है। आज के समय में सोनू निगम (Sonu Nigam), उदित नारायण कुमार सानू अरिजीत सिंह जैसे कई बड़े-बड़े स्टार मौजूद हैं। इन लोगों से पहले किशोर कुमार, लता मंगेशकर, मोहम्मद रफी साहब ( Mohammad Rafi) जैसे दिग्गज सिंगर ने भी बॉलीवुड को एक से बढ़कर एक गाने दिए हैं।

इनके गाने आज भी सुने जाते हैं और लोगों की आंखों में आंसू ले आते हैं। हिंदी सिनेमा के पुराने गाने आज भी लोग गुनगुनाते हैं। इतना ही नहीं बॉलीवुड फिल्मों में पुराने गाने रीमिक्स करके चलाए जाते हैं। लेकिन कुछ गाने ऐसे भी होते हैं जो साल दर साल बीतने के बाद भी हमेशा नए से लगते है। आज हम आपको एक ऐसे सदाबहार गाने के बारे में बताने वाले हैं जो 60 साल बीतने के बाद भी लोगों की आंखें नम कर जाता है।


आज हम जिस गाने के बारे में बात कर रहे हैं वह गाना वर्ष 1968 में पहली बार सुनने को मिला था जिसे आज भी सुनने के बाद हर किसी की आंखें नम हो जाती है। इस गाने को गाया था अपने दौर के सबसे बड़े सिंगर मोहम्मद रफी ने।

इस विदाई वाले गाने को गाते समय खुद मोहम्मद रफी ( Mohammad Rafi) भी रोने लगे थे। अब हम आपको बताते हैं वह गाना कौन सा है। हम यहां बात कर रहे हैं मोहम्मद रफी के सबसे फेमस गाने ‘बाबुल की दुआएं लेती जा, जा तुझको सुखी संसार मिले’।

यह एक ऐसा फिल्मी गाना है जो हर शादी में विदाई के समय बजाया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है यह गाना कैसे रिकॉर्ड हुआ था। इस गाने के बोल तो काफी आसान है लेकिन इनमें वह दर्द है जो लोगों की आंखों से आंसू ले आता है। इस गाने को गाते वक्त मोहम्मद रफी भी अपनी आंखों से आंसू नहीं रोक पाए थे।


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