भोलेनाथ के इस भक्त ने कांवड़ के बजाय कंधे पर उठाई भगवान शंकर की प्रतिमा,हर हर महादेव गूंजने लगा हर तरफ

दोस्तों आप लोग इस बात से अवगत ही होगे कि भगवान शंकर के अनेको भक्त है और सबकी अपनी अपनी मान्यता है जैसे ही सावन का महीना शुरू हुआ,ही था कि लाखों कांवड़िए अपने कंधे कांवड़ लेकर जल लेने के लिए सड़क किनारे चल पड़ते हैं. कोसों दूर जाकर वह पवित्र नदी से जल भरते हैं

और फिर सावन के सोमवार या फिर शिवरात्रि पर भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाते हैं. बेहद ही पुरानी परंपरा को लोग आज भी करते आ रहे हैं. कुछ लोग कंधे पर भारी से भारी कांवड़ रखते हैं और फिर पैदल ही निकल पड़ते हैं कांवड़ियों के पैर भले ही थक जाए,

लेकिन उनका मन नहीं थकता क्योंकि वह भगवान शंकर को श्रद्धा मन से जल चढ़ाना चाहते हैं. आप उन्हें सड़क किनारे दिन-रात चलते हुए देख सकते हैं कुछ ऐसी ही श्रद्धा एक कांवड़िए में दिखी, जो अपने कंधे पर कांवड़ के बजाय भोले शंकर को बैठा लिया और चल दिया आगे जानने के लिए पोस्ट के अंत तक बने रहिये

दरअसल सोमवार का दिन महादेव को समर्पित होता है. महादेव को भोलेनाथ भी कहा जाता है, क्योंकि वे इतने भोले हैं कि भक्त के श्रद्धाभाव से चढ़ाए हुए जल से ही प्रसन्न हो जाते हैं ऐसा ही सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक कांवड़िया अपने कंधे पर कांवड़ की जगह भगवान शंकर की मूर्ति को रख लेता है

और सड़क पर निकल पड़ता है. उसने भगवान शंकर की मूर्ति को बनवाया और उसे अच्छे तरीके से तैयार करवाया. भगवान शंकर की मूर्ति बेहद ही सुंदर दिखाई दे रही है.जैसा कि आप इस वीडियो में देख सकते हैं कि कांवड़िया अपने साथ एक कुर्सी भी लेकर चल रहा है और जैसे ही थक जाता है तो वह भगवान शंकर को कुर्सी पर ही बैठा देता है और खुद भी आराम करने लगता है

कुछ ही देर में जब वह रिलैक्स हो जाता है तो कुर्सी को कंधे पर रखता है और फिर भगवान भोलेनाथ की मूर्ति को कंधे पर रखकर आगे चल पड़ता है. इंटरनेट पर यह वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. कांवड़िए ने लोगों से अलग हटकर सोचा और अपने कंधे पर कांवड़ की जगह भगवान शंकर की मूर्ति को ले जा रहा है.

जैसे ही सोशल मीडिया पर यह वीडियो आया, लोगों ने खूब प्रेम बरसाया. इंस्टाग्राम पर इस वीडियो को शेयर किया गया है. अभी तक 12 लाख से ज्यादा लोगों ने इस वीडियो को लाइक किया, जबकि करोड़ों व्यूज मिल चुके हैं. वीडियो के कैप्शन से लेकर कमेंट्स तक ‘हर हर शंभू’ लिखे हुए हैं.


Posted

in

by

Tags: