दुल्हन ने रात में लिए सात फेरे, सुबह होते ही तोड़ दी शादी, वजह जान पिट लेंगे माथा

वाराणसी शहर के संकटमोचन इलाके से गांव में बारात पहुंची और द्वारचार, जयमाल के बाद हिंदू धर्म के रिति रिवाज के साथ सात फेरे लिए गए। विधिवत सिंदूर दान के साथ शादी की सभी रस्में पूरी की गईं।

शादी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी जोरों से वायरल हो रहा है। कुछ गाने शादी में दूल्हा और दुल्हन पर बिल्कुल सटीक बैठते हैं। लेकिन क्या आपने सुना है कि गाने की वजह से शादी की रिश्ता ही टूट गया। जी हां ऐसा ही हुआबॉलीवुड के सॉन्ग ‘मैं क्या करूं राम मुझे बुढ्ढा मिल गया’… पर सटीक बैठती है। बनारस के चौबेपुर कस्बे के कादीपुर खुर्द गांव के चौहान बस्ती में शादी के कुछ ही देर बाद दुल्हन ने अपने नए नवेले जीवनसाथी दूल्हे से बंधन तोड़ लिया।

वाराणसी शहर के संकटमोचन इलाके से गांव में बारात पहुंची और द्वारचार, जयमाल के बाद हिंदू धर्म के रिति रिवाज के साथ सात फेरे लिए गए। विधिवत सिंदूर दान के साथ शादी की सभी रस्में पूरी की गईं।

लेकिन जब सोमवार की सुबह विदाई की तैयारी शुरू हुई तो दुल्हन ने दूल्हे के साथ जाने से मना कर दिया। उसका कहना था कि दूल्हे की उम्र बहुत ज्यादा है।

इसके बाद मामला चौबेपुर थाने पहुंचा। वर-वधु दोनों पक्ष से काफी देर तक पंचायत होती रही, लेकिन दुल्हन की जिद के आगे किसी की एक ना चली और कुछ देर पहले ही हुई शादी टूट गई।

कादीपुर खुर्द गांव में रहने वाले राजा बाबू चौहान ने बेटी काजल की शादी साकेत नगर संकटमोचन वाराणसी में स्व. प्रभु चौहान के बेटे संजय चौहान के साथ तय की थी।

5 जून गांव में शादी की सारी रस्म अदायगी संपन्न हुई। सोमवार की सुबह विदाई के वक्त जब सारा सामान ट्रैक्टर-ट्रॉली पर लद गया तभी दुल्हन ने दूल्हे के साथ जाने से इंकार कर दिया। इस पर वर पक्ष और कन्या पक्ष दोनों में कहासुनी होने लगी और मामला थाने पहुंचा गया।

थानाध्यक्ष अनिल मिश्रा ने दोनों पक्षों से बैठकर आपसी हल निकालवाने का प्रयास किया। घंटों पंचायत होती रही, लेकिन दुल्हन की जिद के आगे किसी की नहीं चली और चंद घंटे के लिए पति बने दूल्हे को बगैर दुल्हन के ही खाली हाथ लौटना पड़ा।


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