राजस्थान के सीकर जिले के श्रीमाधोपुर निवासी एक परिवार ने एक अनूठी मिसाल पेश करते हुए समाज में एक नया उदाहरण दिया है. कोरोना की चपेट में आने से एक शादीशुदा युवक की मौत हो जाती है. बेटे की मौत के बाद उसके माता-पिता बहू पर किसी भी तरह की रोकटोक लगाने की बजाय उसे अपनी बेटी की तरह मानते हैं.
सास-ससुर ने बेटे की मौत के एक साल बाद ही अपनी बहू का कन्यादान किया. कन्यादान के साथ ही 2.10 लाख रुपये की एफडी भी कराई. खास बात यह है कि बहू की जिस युवक से शादी हुई है, उसकी पत्नी का भी निधन एक साल पहले ही हुआ है.
जानकारी के अनुसार पुष्पनगर निवासी रमेश सोनी के बेटे मुकेश सोनी की शादी 2003 में लोसल इलाके के रहने वाले शिवभगवान सोनी की बेटी पूजा से हुई थी. पिछले साल पूजा का पति मुकेश कोरोना की चपेट में आ गया और कुछ दिन बाद ही उसकी मौत हो गई. इसके बाद मुकेश की पत्नी पूजा उदास रहने लगी. ऐसे में ससुर रमेश सोनी ने उसका घर दोबारा खुशहाल करने की सोची और बहू पूजा के जीवन की नई शुरुआत के लिए उन्होंने उसके लिए वर ढूंढना शुरू किया.
मां के साथ रहेगी बेटी
बहू की शादी की बात चली तो रिश्तेदारी के जरिए रमेश सोनी की मुलाकात जयपुर के रहने वाले नागरमल सोनी से हुई. उनके बेटे कैलाश की पत्नी का भी पिछले साल निधन हो चुका था. ऐसे में दोनों परिवारों ने कैलाश और पूजा को मिलवाया. इसके बाद मंगलवार को सीकर के रैवासा धाम के जानकीनाथ मंदिर में दोनों ने साथ फेरे लिए.
सास – ससुर ने बेटे की मौत के एक साल बाद ही अपनी बहू का कन्यादान किया. कन्यादान के साथ ही 2.10 लाख रुपये की एफडी भी कराई.
कैलाश और पूजा की शादी मंगलवार को सीकर के रैवासा धाम में जानकी नाथ मंदिर में स्वामी राघवाचार्य के सानिध्य में संपन्न हुई. इस दौरान दोनों परिवारों के लोग मौजूद रहे. इस खास शादी में न तो कोई फिजूलखर्ची की गई. साथ ही बहू पूजा के ससुर श्रीमाधोपुर निवासी रमेश सोनी ने उसके नाम 2.10 लाख रुपये की एफडी भी कराई. पूजा के पहले पति मुकेश से एक साल की बेटी है. बेटी शादी के बाद अपनी मां के साथ ही रहेगी.