Facebook twitter wp Email affiliates Shanishchari Amavasya 2022: 30 अप्रैल को शनिश्चरी अमावस्या, शनिदेव की कृपा पाने के लिए करें ये उपाय, तो होगी सुख-समृद्धि की प्राप्ति

वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या का काफी अधिक महत्व है। इस दिन शनिवार पड़ने के कारण इसे शनिश्चरी अमावस्या के नाम से जाना जाएगा। इस दिन न्याय के देवता शनि की पूजा विधि-विधान से की जाएगा। मान्यता है

कि शनि देव की इंसान को कर्मों के हिसाब से अच्छे या फिर बुरा फल देते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिश्चरी अमावस्या के दिन कुछ खास उपाय करके जीवन के हर परेशानी से छुटकारा पा सकते हैं। जानें इन उपायों के बारे में।

शनिश्चरी अमावस्या का शुभ मुहूर्त

वैशाख अमावस्या शनिवार 30 अप्रैल को तड़के 12 बजकर 59 मिनट से शुरू होकर 1 मई तड़के 1 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी। 30 अप्रैल को उदया तिथि होने के कारण इसी दिन पूजा-अर्चना की जाएगी।

शनिश्चरी अमावस्या के दिन करें ये उपाय

शनि अमावस्या के दिन शनिदेव के साथ-साथ भगवान हनुमान जी की पूजा करना लाभकारी साबित होगा। इस दिन हनुमान जी को बूंदी के लड्डू या फिर चने की दाल और गुड़ का प्रसाद चढ़ाएं। इससे बजरंगबली की कृपा प्राप्त होगी।

हर तरह के कष्टों से छुटकारा पाने के लिए शनिश्चरी अमावस्या के दिन सात मुखी रुद्राक्ष को गंगाजल से धोकर 108 बार ” ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः’ या फिर  ‘ऊँ शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का जाप करने के बाद धारण कर लें।

सुख-समृद्धि के लिए शनिश्चरी अमावस्या के एक दिन पहले यानी शुक्रवार के दिन काले कपड़े में सवा पाव काली उड़द को बांधकर पास में रखकर सो जाएं। फिर अमावस्या के दिन किसी शनि मंदिर में जाकर रख दें। इसके बाद शाम के समय सुरमा की एक शीशी लेकर पूरे शरीर में घुमाते हुए 9 बार उतार लें और किसी सुनसान जगह में गाड़ दें

शनिश्चरी अमावस्या के दिन विधिवत तरीके से शनि देव की पूजा करने के साथ शनि चालीसा और दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ करें। इससे धन लाभ मिलेगा।

शनिश्चरी अमावस्या के दिन शनिदेव को सरसों का तेल, काले तिल और नीले रंग के फूल अर्पित करें। इससे लाभ मिलेगा इसके साथ ही शनि दोष, साढ़े साती और ढैय्या से छुटकारा मिलेगा।


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