ऑडिशन दे रहे हैं पुनीत इस्सर के बेटे, एक्टर बोले- फैसला किया है नहीं करूंगा सपोर्ट

बॉलीवुड में एक ओर जहां पैंरेट्स अपने बच्चों की फिल्मी डेब्यू के लिए ऐड़ी-चोटी की जोर लगा देते हैं, तो वहीं कुछ ऐक्टर पैरेंट्स ऐसे भी हैं, जो चाहते हैं कि उनका बच्चा अपने बलबूते पर करियर बनाए. पुनीत इस्सर के बेटे भी अपनी डेब्यू के लिए दर-दर भटक रहे हैं.

पुनीत इस्सर एक लंबे समय से फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा रहे हैं. टीवी सीरियल्स के साथ-साथ पुनीत फिल्मों में भी सक्रिय हैं. कुछ महीने पहले ही पुनीत ने छोटी सरदानी शो छोड़ा है. जल्द ही वे रणवीर सिंह के साथ जयशभाई जोरदार में नजर आएंगे.

बता दें, एक लंबे समय से पुनीत के बेटे सिंद्धांत इस्सर बॉलीवुड डेब्यू के लिए स्ट्रगल कर रहे हैं. सिद्धांत रोजाना ऑडिशन देते रहते हैं. अपने बेटे के डेब्यू पर पुनीत कहते हैं, ‘सिद्धांत थिएटर कर रहा है. उसकी एक वेब सीरीज आने वाली है. लॉकडाउन की वजह थोड़ा स्लो चल रहा है. देखें, लोग भले कहते हों कि न्यूकमर है, तो उसे रास्ता नहीं मिलता है. साथ ही किसी जानने वाले के लिए भी यह उतना ही मुश्किल है. आखिरकार टैलेंट ही मायने रखता है.

मैंने कह दिया, तुम्हारी मदद नहीं कर रहा

पुनीत आगे कहते हैं, ‘मैंने अपने बेटो को यही नसीहत दी है कि हार्डवर्क का कोई शॉर्टकट नहीं होता है. आप मेहनत करते रहें और एक दिन जरूर कामयाब होंगे. सिद्धांत रोजाना ऑडिशन के लिए जाता रहता है. रिजेक्शन भी मिलते हैं.

ऐसे में मैं उसे यही समझाता हूं कि यह जिंदगी का हिस्सा है. इसका स्वाद भी चखना जरूरी है. रिजेक्शन आपको मेहनत करने के लिए प्रेरित करता है. मैंने तो उसे कह दिया कि मैं तुम्हारी मदद नहीं कर रहा, तुम्हें अपनी जमीन खुद तलाशनी है. अब आप घोड़े के पास पानी ले जा सकते हैं लेकिन पीएगा, तो वो खुद ही न.’

उसे मेहनत करता देख मिलता है सुकून 

स्टार किड्स के लॉन्च पर पुनीत कहते हैं, ‘मैं सिद्धांत को रास्ता दिखा सकता हूं और गाइड कर सकता हूं. लेकिन यह उसकी कर्म भूमि है. उसे यह लड़ाई खुद ही लड़नी है. बड़े-बड़े स्टार्स के बच्चों के देखें, कितनी बार लॉन्च करते हैं अपने बच्चों को लेकिन फिल्में नहीं चलती, तो नहीं चलती. वहीं कुछ ऐसे भी उदाहरण है जो अपने पिता के करियर से दस गुना आगे काम कर रहे हैं. मैं तो अपने बेटे के लिए न कहीं कॉल कर रहा हूं और न ही लॉन्च.

वो अपनी राह बना लेगा. मुझे बहुत खुशी होती है, जब वो मेहनत कर घर वापस लौटता है. एक अजीब सा सुकून का एहसास होता है. मैं चाहता हूं कि आगे चलकर वो अपने पिता के नहीं बल्कि खुद के नाम से पहचाना जाए.’


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