IPS सरोज कुमारी ने दिया दो जुड़वा बच्चे को जन्म, अपने गांव की वेश भूषा में तस्वीर की शेयर

राजस्थान राज्य की निवासी आईपीएस सरोज कुमारी के घर खुशियों ने दस्तक दी है। बता दे की इस वक़्त सरोज गुजरात पुलिस की आईपीएस अधिकारी हैं, और उन्होंने कुछ समय पहले दो बच्चों को जन्म दिया है| अक्सर आपने देखा होगा की सरोज आईपीएस की वर्दी में ही नज़र आती हैं,

लेकिन अब जब वो माँ बन चुकी हैं, तो इसके बाद भी वो अपनी संस्कृति को ना भूली और उनकी हम एक तस्वीर देख सकते हैं जिसमें सरोज ने ग्रामीण महिलाओं की वेशभूषा लहंगा चूनरी पहनी हुई है, और उनके हाथ में दो बच्चे हैं। सरोज एक गरीब घर से थीं, उनके पिता आर्मी से हवालदार पोस्ट से रिटायर हुए थे, लेकिन पेंशन ही घर को चलाने के लिए काफी नहीं थी| सरोज की कड़ी मेहनत ने आज उनके माता पिता का सिर गर्व से ऊँचा कर दिया है|

माँ बनने के बाद से बहुत खुश हैं आईपीएस सरोज

बता दे की आईपीएस अधिकारी सरोज कुमारी ने अपने दोनों नवजात बच्चों की तस्वीरें शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा कि भगवान ने उन्हें आशीर्वाद के रूप में एक बेटा और एक बेटी दिए हैं। सरोज कुमारी द्वारा शेयर की गई यह पोस्ट इन दिनों खूब वायरल हो रही है,

और सभी उनको इस दोहरी ख़ुशी पर ढेरों बधाई सन्देश भेज रहे हैं| आपको बता दें कि आईपीएस अधिकारी सरोज कुमारी की जून 2019 में हुई थी| इनके पति दिल्ली के एक बहुत ही जाने-माने डॉक्टर हैं, और उनका नाम मनीष सैनी है। अब दो-दो बच्चो के माता-पिता बनने के बाद सरोज और मनीष की खुशियों का कोई ठिकाना नहीं है|

आईपीएस सरोज ने कोरोना काल में कई बड़े काम किये

सरोज कुमारी की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है| जीवन में कई कठिनाई आयी, लेकिन सरोज ने हार ना मानी| सरोज ने एक सरकारी स्कूल मे पढ़ाई की है, और आज वो एक IPS अधिकारी हैं। आईपीएस सरोज कुमारी खासकर उन सभी लोगों के लिए एक मिसाल बनकर उभरी हैं,

जो यह सोचते हैं कि सरकारी स्कूलों में पढ़कर आप कुछ भी हासिल नहीं कर सकते। उन्होंने साबित कर दिया है, की बड़ी इमारतों वाले स्कूल में पढ़ने से कुछ नहीं होता, जो जीवन में कुछ हासिल करना चाहता है, वह सरकारी स्कूलों से पढ़कर भी कई आगे निकल सकता है|

उन्होने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव बुडानिया के सरकारी स्कूल से ही की और साल 2011 के बैच से वो आईपीएस अधिकार बनीं| सरोज कुमारी अब तक की इकलौती ऐसी आईपीएस अधिकारी हैं, जिन्होंने माउंट एवरेस्ट फतह करने के मिशन में हिस्सा लिया था।

कोरोना महामारी में किये गए इनके कामों की बदौलत इन्हें कोविड-19 महिला योद्धा का अवार्ड भी मिल चुका है। लॉकडाउन के दौरान सरोज ने महिला पुलिसकर्मीओ के साथ मिलकर जरूरतमंद लोगो का पेट भरने के लिए रसोईघर शुरू किया था, और इस समय ये रोजाना 600 से अधिक लोगों कोहर रोज़ भोजन कराते थे।


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