अंतिम सांस ले रहा था पति और पत्नी बोली मुझे बच्चा चाहिए, मरने से पहले इस तरह दे गया प्यार की निशानी

भारत में ही नहीं बल्कि पुरे संसार में ये रित सदियों से चली आ रही है की जब किसी लड़की की शादी हो जाती है और वो आपनी सुसराल चली जाती है तो उसके सास -ससुर ही उसके माता -पिता होते है और उसका पति ही उसके लिए सब कुछ होता है

शादी के बाद उसका पति ही होता है जिससे वह अपनी दुःख -दर्द बाट सकती है | एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहा एक महिला के पति ने अपनी मृतु से पहले प्यार की अनोखी निशानी अपनी पत्नी को दी | बताया गया है की इन दोनों शादी अक्टूबर 2020 में हुई थी |

शादी हो जाने के 4 महीने बाद उसे सूचना मिली कि, गुजरात में उसके ससुर की हार्ट अटैक आने से तबियत बिगड़ गई है। जिसके बाद उसे अपने पति के साथ वापस भारत वडोदरा लौटना पड़ा। लेकिन जैसे ही वो भारत आई तो उसका पति कोरोना का शिकार हो गया। जिसके बाद 10 मई से पति की हालत नाजुक हो गई।

जैसे की हम जानते है की कोरोना महामारी ने सभी लोगो का जीवन बुरी तरह से प्रभावित किया है | कोरोना से संक्रमित उसका पति दो महीने से एक प्राइवेट हॉस्पिटल के वेंटिलेटर पर था। डॉक्टर्स ने महिला से कहा की आपके पति की हालत बेहद नाजुक हो चुकी है और अब वह 48 घंटे भी मुस्किल से जी पाएंगे | ये सब सुनकर पत्नी पूरी तरह से टूट गई और फिर उसने गुजरात हाईकोर्ट का रूख किया

हर महिला शादी के बाद अपने पति के साथ सुखद जीवन बिताने और परिवार को आगे बढ़ाने का सपना देखती है | लेकिन उस बेचारी की किस्मत में कुछ और ही था | इसके बाद इस महिला ने हाईकोर्ट के समक्ष युवती ने गुहार लगाई कि, मुझे निशानी के रूप में अपने पति से एक बच्चा चाहिए , और इसके लिए मुझे उनका स्पर्म चाहिए, ताकि में उनके बच्चे को जन्म दे सकू | महिल की इस गुहार को सुन हर कोई दंग रह गया , लेकिन इसकी मंजूरी मेडिकल कानून ने नहीं दी

एक्चुअल में महामारी के समय में ऐसी बहुत सी खबरें सुनने को मिल थी जिसको जानकर इंसान बहुत भावुक हो गया। लेकिन बहुत प्रयास करने के बाद अंत में हाईकोर्ट ने सारी सुनवाई रोककर इस मामले को सुना। तब जाकर कार्यवाही शुरू हुई और 15 मिनट के अंदर ही फोन पर स्टर्लिंग हॉस्पिटल को

आईवीएफ प्रोसिजर का आदेश दे दिया। आज तक के इतिहास में संभवत: ऐसा ये पहली बार हुआ, जब हाईकोर्ट ने सारी सुनवाई रोककर एक पति के लिए बिलखती उसकी पत्नी की गुहार सुनी। पत्नी ने अपने पति के अंतिम समय में उसके प्यार की निशानी पाने के लिए गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।


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