MBA वाली बहू ने गांव से फॅमिली बिज़नेस को बढ़ाया, टर्नओवर 10 लाख से 6 करोड़ पहुंचाया

किसी परिवार के लिए एक बढ़ी लिखी बहू कितनी भाग्यशाली हो सकती है, इस बात की मिसाल यह बहू बनी है। आज की कहानी एक बहू की है, जिसने अपनी काबिलियत से ससुराल के कारोबार को ब्रांड बना दिया। सिंधु अरुण (Sindhu Arun Gopalsamy) ने यूके के वारविक बिजनेस स्कूल से MBA की बधाई पूरी की। उन्होंने वहां इन्फॉरमेशन सिस्टम्स एंड मैनेजमेंट में MBA किया।

अब उन्होंने तमिलनाडु के तिरुपुर जिले के एक गांव में कोल्ड-प्रेस्ड ऑयल ब्रांड (Cold Pressed Oil Brand) बना दिया है। साल 2013 में 10 लाख रुपए के टर्नओवर वाले फॅमिली कारोबार को साल 2020-21 में 6 करोड़ रुपए टर्नओवर का बिज़नेस एम्पायर बना दिया।

37 साल की सिंधु कोयंबटूर जिले के पोलाची के पास एक गांव के मध्यम वर्गीय परिवार से आती है। उनके माता-पिता सरकारी स्कूल के टीचर रहे। सिंधु ने हमेशा एक बिज़नेस वुमन बनने का सपना देखा था। उनके रूम में हमेशा इंदिरा नूयी की तस्वीर होती थी।

सिंधु ने बहुत ही उच्च शिक्षा प्राप्त की

सिंधु (Sindhu) ने 12वीं कक्षा तक तमिल माध्यम से ही पढ़ाई की थी। फिर पोलाची के महालिंगम इंजीनियरिंग कॉलेज से इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी ब्रांच के साथ बीटेक भी पूरा किया। सिंधु की शादी अरुण से हो गई। अरुण का परिवार खोपरा कारोबार में था।

वे अपने गांव मोदक्कुपट्टी और उसके पास के क्षेत्रों के किसानों से नारियल खरीदते और मजदूरों की मदद से खोपरा तैयार करते थे। यहीं खोपरा लोकल मार्किट में बेचा जाता। बस ऐसे ही यह छोटा सा व्यवसाय चल रहा था।

अपने फैमिली बिज़नेस को ब्रांड बनाना जरुरी समझा

सिंधु ने अपने पति अरुण के परिवार को समझाया की वे बिना नाम या ब्रांड का खोपरा कारोबार चला रहे थे। इसे ब्रांड बनाने की जरुरत है। सिंधु ने इसके लिए नए वर्कर्स रखे और कुछ अन्न प्रोडक्ट भी लाये। कुछ ही साल में कारोबार के टर्नओवर में बढ़ोतरी देहि गई।

आज उनका कारोबार एग्रीप्रो इंडस्ट्रीज (AgriPro Industries) के रूप जाना जाने लगा है। यह एक पार्टनरशिप फर्म है, जो प्रेसो (PRESSO) ब्रांड के तहत खोपरा, नारियल, नारियल के गोले, भूसी और 3 तरह के कोल्ड प्रेस्ड तेल नारियल, मूंगफली और तिल बेचते हैं।

सिंधु को अपने ससुराल से पूरा सपोर्ट मिला

सिंधु के पति अरुण का 8 लोगों का परिवार था। अरुण के पिता वी. रामानुजम और मां आर राजवेनी ने जमीन की की देशरेख की और भाई गोपालकृष्णन ने फैमिली बिज़नेस संभाल रखा था। फिर सास आर राजवेनी ने बहू सिंधु को पारिवारिक कारोबार ज्वाइन करने केलिए प्रेरित किया। उन्होंने सिंधु की 6 माह की बेटी और घर के काम संभालकर उनका सपोर्ट किया और आगे बढ़ाया।

सिंधु ने अपने पति के साथ मिलकर बिज़नेस को आगे बढ़ने का फैसला किया। उनके खोपरा और नारियल के बिज़नेस का कोई पंजीकृत नाम नहीं था। यह बिज़नेस उनके क्षेत्र में उनके नाम और व्यवहार पर चल रहा था। ऐसे में सिंधु ने साल 2013 में ससुराल वालों को कंपनी का नाम एवरग्रीन एंटरप्राइजेज रखने के राज़ी किया।

कारोबार बढ़ने के लिए जरुरी कदम उठाये

उस समय उनके पास केवल काम करने वाले मजदूर थे। उसके पास शिक्षित कर्मचारी नहीं थे। ऐसे में सिंधु ने शुरुआत में एक सुपरवाइजर और एक अकाउंटेंट को नौकरी पर रखा। सिंधु ने खुस भी अकाउंट्स संभालना शुरू किया। फिर सिंधु ने अग्रणी एफएमसीजी ब्रांड मैरिको के साथ दोबारा कॉन्टेक्ट किया।

इस कंपनी को उनका परिवार 2002 से खोपरा सप्लाई कर रहा था। फिर उन्होंने साल 2014 में मैरिको के साथ अपना कारोबार दोबारा शुरू किया। मैरिको ने अपने नए प्लान के तहत नारियल खरीदना चाहा, तो वे खोपरा (खोपरा) की जगह उन्हें नारियल (Coconut) सप्लाई करने लगे।

Money and investment presentation photo

सिंधु और अरुण ने साल 2017 में एग्रीप्रो इंडस्ट्रीज को पार्टनरशिप फर्म के रूप में पंजीकृत कराया और फिर प्रेसो ब्रांड के तहत कोल्ड-प्रेस्ड तेल बाज़ार में ले आये। उन्होंने कुछ पहचान वालों से 12 लाख रुपए उधार लिए और सिंधु के गहने गिरवी रखकर 8 लाख रुपए अरेंज किये। इससे मोदक्कुपट्टी में कोल्ड-प्रेस्ड तेलों के लिए उत्पादन से लिए बेस तैयार किया गया।

अब वे अपने लोकल किसानों से नारियल और मूंगफली खरीदने लगे और वेदारण्यम में एक किसान से तिल खरीदने लगे। उनका बनाया गया तेल (Oil) उनकी अपनी उनकी वेबसाइट और आउटलेट के अलावा कई ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बेचा जाता है। जिससे उन्हें करोड़ो की कमाई हो रही है।

उनका व्यापर तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, भोपाल और हरियाणा के मार्किट तक पहुँच गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 20-21 में उनकी कंपनी ने टोटल 6 करोड़ रुपए के टर्नओवर का व्यापार किया है।


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