ससुर ने अपनी बहू के लिए किया कुछ ऐसा काम, जिसे देख भावुक हुई दुल्हन, कहा- ईश्वर हर लड़की को दे ऐसा ससुराल

शादी को एक ऐसा बंधन माना जाता है जो पूरी तरह से एक पवित्र बंधन होता है। यह बंधन एक पुरुष और एक महिला के बीच बनता है। सभी लोगों के जीवन में शादी बहुत ही जरूरी है। शादी के बंधन से यह संसार आगे बढ़ता रहता है। वैसे देखा जाए तो हर मां-बाप का यही सपना होता है

कि वह अपने बच्चों की शादी बड़ी ही धूमधाम के साथ करें। वहीं अगर हम बेटी की शादी की बात करें तो हर मां-बाप बेटी के बचपन से ही उसकी शादी की तैयारियों में जुट जाते हैं। बेटी की शादी धूमधाम के साथ करने के लिए लोग बेटी के जन्म से ही सोचने लगते हैं और उसके लिए चीजें इकट्ठे करने लगते हैं।

जब बेटी बड़ी हो जाती है तो माता-पिता उसके लिए सुयोग्य वर ढूंढने के साथ-साथ अच्छा ससुराल भी ढूंढते हैं। शादी के बाद जब घर से बेटी की विदाई हो जाती है, तब पूरे परिवार का माहौल गमगीन हो जाता है और परिवार के सभी सदस्यों की आंखें नम हो जाती हैं। शादी के बाद बेटियां ससुराल चली जाती हैं और उसके बाद मायके में बस उनकी यादें ही रह जाती हैं। बेटियों के ससुराल चले जाने के बाद मानो जैसे घर की रौनक ही उनके साथ चली गई हो।

जब बेटी की शादी होती है तो माता-पिता अपनी बेटी को उपहार के रूप में बहुत सी चीजें देते हैं परंतु इसी बीच उत्तर प्रदेश से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें एक पिता ने नहीं बल्कि विदाई के समय ससुर ने अपनी बहू को उपहार के रूप में एक गाड़ी दी है। जब बहु ने अपने ससुर से मिले इस उपहार को देखा तो वह बेहद भावुक हो गई और उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे। अपनी बहू के प्रति ससुर के इस प्यार को देख कर लोग खूब तारीफ कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर इन दोनों यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।

खबरों के अनुसार, यह मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर का बताया जा रहा है। जहां के रहने वाले एक कारोबारी ने अपने बेटे का रिश्ता किसान की एक बेटी से तय कर दिया था। जब बेटी की शादी हुई तो उसके बाद विदाई के समय दूल्हे के पिता ने दुल्हन के घर के बाहर एक नई गाड़ी लाकर खड़ी कर दी। जब दुल्हन ने गाड़ी को देखा तो तो उसने पूछा कि यह किसकी गाड़ी है? तो उसे यह पता चला कि ससुर ने यह गाड़ी उसे उपहार के रूप में दी है।

बता दें कि कानपुर के रहने वाले अर्पण कुमार नाम के कारोबारी ने अपने बेटे आदर्श राज की शादी अपने ही गांव में एक किसान चंद्रमोहन की बेटी अंजलि द्विवेदी से तय कर दी। अर्पण कुमार का बेटा आदर्श इंजीनियर है। आदर्श और अंजली की शादी साकेत नगर स्थित गहोई भवन में बड़ी धूमधाम के साथ हुई। जब अगली सुबह विदाई के दौरान उसे नई गाड़ी में बैठाया गया तो अंजलि के ससुर ने कार की चाबी उसके हाथ में थमा दी।

अंजलि ने अपने पति आदर्श राज से पूछा कि यह गाड़ी की चाबी क्यों दी है? तो उसने बताया कि पापा ने उपहार में यह गाड़ी दी है। यह बात सुनकर अंजली भावुक हो गई और उसकी आंखें नम हो गई। ससुर की तरफ से दी गई नई गाड़ी की खबर जब रिश्तेदारों को लगी तो वह भी हैरत में पड़ गए और वह ससुर की खूब तारीफ करने लगे।

जब ससुर की तरफ से गाड़ी मिलने पर दुल्हन अंजलि से इस उपहार पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उसने कहा कि पहले तो उन्हें कुछ समझ नहीं आया कि आखिर क्यों उनको चाबी दी गई है। जब वह कार में बैठी और उन्होंने अपने पति से पूछा तब उनको यह मालूम हुआ कि कार पापा ने उन्हें उपहार के रूप में दी है। अंजलि का कहना है कि वह बहुत भाग्यशाली है। उसने कहा कि ईश्वर ऐसा ससुराल सभी बेटियों को दें


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