करंट लगने से एक हाँथ और दोनों पांव काटने पड़े लड़की के ,पर मंगेतर ने कहा इस जन्म ही नहीं बल्कि अगले सात जन्म तक दूंगा इसका साथ

इस दुनिया से सच्चा प्यार हर किसी को नसीब नहीं होता और अगर जिसे सच्चा प्यार हांसिल हो जाता है फिर वो इन्सान इस दुनिया का सबसे खुशनसीब इन्सान माना जाता है और जिस तरह से फिल्मो में प्रेम कहानियां दिखाई जाती तो यही दिखाया जाता  है की हर मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति में पार्टनर अपने हमसफर का पूरा साथ देता है

और दोनों के बीच  बेशुमार मोहब्बत होती है और इन फ़िल्मी कहानियों को देखने के बाद लोग यही सोचते है की काश हमारा भी ऐसा ही हमसफर हो जो इस तरह से पूरी जिंदगी साथ निभाया पर असल जिंदगी में देखा जाये तो ऐसा नहीं होता है क्योंकि ये सारी कहानियां बस फिल्मो में ही देखने को मिलती है  पर कभी  कभी असल जन्दगी में भी कुछ ऐसा होता है जिसके बारे में हम पहले कभी सोचे भी नहीं होते है |

पर आज हम आपको एक ऐसी सच्ची घटना बताने  जा रहे है जो किसी फ़िल्मी कहानी से कम नहीं  है|दोस्तों जैसा की हम सभी जानते है की इस धरती पर तरह तरह के लोग होते है और सबकी सोच और विचार एक जैसे नहीं होते है और इसीलिए कहा जाता है की धरती पर हर इन्सान एक जैसे नहीं होते है और आज हम आपको एक ऐसे इन्सान की बारे में बताने वाले है जिसने इंसानियत की मिसाल कायम की है तो आइये जानते है क्या है पूरी कहानी

दरअसल ये मामला है गुजरात के जामनगर जिले की वड़गामा का जहाँ एक 18 वर्ष की लड़की जिसका नाम हीरल तनसुख और जामनगर के ही रहने वाले चिराग भाड़ेशिया गज्जर और इन दोनों की सगाई 28 मार्च को बड़े ही धूमधाम के साथ  सम्पन्न हुई थी और आने वाली गर्मी के इन दोनों की शादी

की तारीख भी तय कर दी गयी थी और इनकी शादी होने वाली थी और ये दोनों ही इस रिश्ते से बेहद खुश थे और विधाता को तो कुछ और ही  मंजूर था और कहा जाता है न की होनी को कोई भी टाल नहीं सकता और यही हुआ हीरल के साथ जिसके बारे में शायद उसने कभी सोचा भी न होगा |

बता दे 11 मई को हीरल कपड़े  धोकर आई और उसे सुखाने के लिए वो खिड़की की पास गयी और वहां से अपने हाँथ बाहर निकाली ही थी की उसका हाथ वही बगल से गये ईटेंशन तार पर गलती से  छू गया और इस वजह से उसका हाँथ बुरी तरह से जल गया और फिर उसका करंट उसके पांव तक भी पहुँच गया और उसके दोनों पांव भी बुरी तरह से झुलस गये |

तब उसके घरवाले जब हीरल को इस हालत में देखे तब वो आनन फानन में उसे नजदीकी अस्पताल ले गये जहाँ जहाँ से डॉक्टरों ने उसे अहमदाबाद के लिए रेफेर कर दिया और वहां   लाने के बाद डॉक्टरों ने कहा की अब तो काफी देर हो चुकी है और अब इसके एक हाँथ और दोनों पांव काट कर निकालने ही पड़ेंगे तभी ये जिन्दा बच पायेगी |

ये सुनते ही हीरल के घर वाले तो मानो सदमे में पहुँच गये उन्होंने सोचा की वे अपनी इस अपंग बेटी को कैसे संभालेंगे कैसे ये अपनी जिंदगी जियेगी और उन्हें लगा अब तो इसकी सगाई भी टूट जाएगी क्योंकि चिराग अब हीरल से शादी नहीं करेगा पर उसी समय अस्पताल में चिराग पहुँच गया और उसे जब ये सारी बाते पता चली तब उसने हीरल के माँ बाप को ये विश्वास दिलाया की वो हीरल से ही  शादी करेंगा और एक नहीं बल्कि पूरे सात जन्मो तक वो हीरल  को साथ निभाएगा और वही चिराग के माँ बाप ने भी बेटे के इस फैसले में उसका पूरा साथ दिया |

वही चिराग  की ऐसी बाते सुनकर हीरल के माँ बाप की ख़ुशी क ठिकाना न रहा क्योंकि उन्होंने सोचा भी नही था की उनकी बीत को ऐसा जीवनसाथी मिलेगा |

इसीलिए कहा जाता है की जोड़ियां तो हमेशा उपरवाला ही बनाता है और उसे धरती पर मिलने से कोई भी ताकत रोक नहीं  सकती |


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