अपने समय के सबसे बड़े एक्टर आज पागल खाने में अपनी जिंदगी काट रहे है देखें क्या हुआ ऐसा।

फिल्म अर्थ के एक्टर राज किरण ने अपनी जिंदगी में कई सुपरहिट फिल्मे दी है जैसे अर्थ, क़र्ज़ जैसी कई फिल्मे आखिर ये एक्टर अचानक कहा गायब हो गए यहाँ तक की उनके घर वालो को भी नहीं पता की वो इस समय कहाँ है लेकिन कुछ लोग कहते है की वो लापता है और कुछ कहते है

की वो पागल खाने में है वही ऐसा भी कहा जाता है की वो अब इस दुनिया में नहीं रहे। आज हम जिस एक्टर के बारे में बात कर रहे है उनका पूरा नाम राज किरण मेहतानी है। इनका जन्म 16 मार्च 1949 में मुंबई में हुआ था उन्होंने 1975 में रिलीज़ हुई कागज़ की नाव से अपने अभिनय से अपने करियर की शुरवात की थी उस फिल्म में उनके साथ एक्ट्रेस सारिका थी। इस फिल्म में उन्हें काफी पसंद किया गया।

इसके बाद से वे ज्यादा तर चरित्र भूमिका में ही नज़र आये और इन्होने कुल 120 से ज्यादा फिल्मो में काम किया ये 1970 और 80 के दशक में अपने करियर की उचाईयों पर थे फिर उन्होंने क़र्ज़, अर्थ, कागज़ की नाव, घर हो तो ऐसा, घर का सुख, आज का दौर जैसी कई ब्लॉकबस्टर फिल्मो में काम किया है।

लेकिन राज किरण वो सफलता और स्टारडम के शिखर पर नहीं पहुंच सके 90 का दसक आते आते राजकिरण का करियर निचे गिरता चले गया ऐसे में राजकिरण को काम भी कम मिलने लगा और उन्होंने शेखर सुमन के टीवी डिपॉर्टर से टीवी की दुनिया में कदम रखा कहा जाता है आर्थिक परेशानियों की वजह से राज के घर में कई लड़ाई झगडे होने लगे थे।

कहा जाता है की राज किरण अपने करियर और पर्सनल लाइफ में संतुलन नहीं बना पा रहे थे और उनकी पत्नी के साथ उनके रिश्ते में खटास आ गयी इस वजह से उनकी पत्नी अपनी बेटी को लेकर अलग हो गयी इसी दौरान राजकिरण डिप्रेशन के शिकार हो गए और उन्हें फिर मुंबई के पागल खाने में भर्ती कराया गया।

बाद में वो अमेरिका चले गए और वह जाकर उन्होंने टैक्सी चलाई बाद में उन्होंने फिर से उन्हें एक बार फिर से पागल खाने बेजा गया और कहा जाता है की उनकी टेशन और डिप्रेशन का कारन उनकी बेटी और पत्नी थे क्योकि उन्होंने बुरे समय में उनका साथ छोड़ दिया था जिसकी वजह से वो अकेल पद गए थे और गरीबी में डिप्रेशन में चले गए थे।

जब ऋषिकपूर अमेरिका गए और राजकिरण के भाई से मिलकर उनका हाल पूछा तो वो चौक गए क्योंकि ऋषि ने राज फिल्म में राजकिरण के साथ काम किया था उनकी ऐसी हालत देख वे एक डैम हैरान रह गए क्योकि उनके परिवार वालों ने भी उनका साथ छोड़ दिया था उस समय।


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