बिहार के किसान ने किया कमाल, अब हवा में होगी आलू की खेती, कई गुना अधिक पैदावार होगी बिहार के किसान ने किया कमाल, अब हवा में होगी आलू की खेती, कई गुना अधिक पैदावार होगी

हमारे कृषि प्रधान देश भारत में खेती किसानी का महत्व प्राचीन काल से ही रहा है। यहाँ के किसान इस काम में अच्छे खासे इनोवेटर भी है। कई किसान समय समय पर अपनी खेती में कुछ न कुछ प्रयोग करते रहते हैं। ऐसे में पूरे देश को अनाज देने वाला राज्य बिहार (Bihar) भी खेती के क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ने में सफल रहा है। इस बार फिर से बिहार के एक किसान में कमाल कर दिखाया है।

बिहार के कोसी क्षेत्र (Kosi Area in Bihar) में बहुत बड़े लेवल पर आलू की खेती होती है, परंतु अब परंपरागत तरीके से हो रही आलू की खेती (Potato Farming) में कुछ बदलाव किये गए है। अब हवा में आलू की खेती (Patato Farming in Air) होगी। हाल ही में हरियाणा के करनाल स्थित आलू प्रौद्योगिकी केंद्र से आलू की खेती की नई तकनीक की ट्रेनिंग कर आये अगवानपुर कृषि अनुसंधान केंद्र के विज्ञानियों ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है।

इस तकनीक के माध्यम से बिना जमीन और मिट्टी के हवा में आलू की खेती की जा रही है। इस एरोपेनिक तकनीक से 10 गुना अधिक उत्पादन होगा। इससे किसानों की आमदनी में भी बहुत इज़ाफ़ा होगा और अन्न लोग भी इस तकनीक को सीख सकेंगे।

इसमें आलू ज़मीं में अंदर नहीं, बल्कि बाहर हवा में उगता है। दूसरी सब्जियों की तरह 3 महीने तक इस पौधे से आलू तोड़ा जा सकेगा। इससे क्षेत्र के किसानों को बहुत फायदा होगा। एरोपोनिक तकनीक (Aeroponic Technique) से बिना मिट्टी और ज़मीन के आलू की खेती (Aalu Ki Kheti) की जा सकती है। इस तकनीक से मिट्टी और ज़मीन दोनों की कमी से मुक्ति पाई जा सकती है।

आपको बता दें की इस तकनीक का इनोवेशन हरियाणा के करनाल (Karnal, Haryana) जिले में स्थित आलू प्रौद्योगिकी केंद्र द्वारा किया गया है। इस तकनीक के अंतर्गत थर्माेकाल प्लास्टिक आदि के की मदत से आलू की हवा में खेती की जाएगी। इससे आलू पैदवार में दस गुना इज़ाफ़ा होगा, जिसे तीन महीने तक तोड़ा जा सकेगा।

राज्य सरकार ने इसके लिए मंजूरी भी दे दी है। इस एरोपेनिक तकनीक को तैयार करने वाले विशेषज्ञों ने मीडिया में बताया कि इस तकनीक में लटकती हुई जड़ों द्वारा पौधे को पोषण दिया जाता है। उसमें मिट्टी और ज़मीन की जरुरत नहीं पड़ती है।

अगवानपुर कृषि अनुसंधान केंद्र इसका बीज तैयार करने और खेती की रणनीति बना रहा है। सब कुछ प्लानिंग के मुताबिक़ रहा, तो इस तकनीक कोसी क्षेत्र के किसानों को अच्छा खासा फायदा हो सकेगा।

पुराने तरीके से खेती की तुलना में यह Aeroponic Potato Farming तकनीक बहुत अधिक फायदेमंद हो सकती है। इस तकनीक की मदत से आलू के बीज के उत्पादन की क्षमता को 3 से 4 गुना तक बढ़ाया जा सकता है। ज्यादा आलू की पैदावार होने पर उसे देश के बाहर भी एक्सपोर्ट किया जा सकता है। इससे देश को भी बड़ा मुनाफा होगा।


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