बेटी पैदा होने पर ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा, एक लाख रुपये खर्च कर हेलीकॉप्टर से गांव पहुंचे: Video

पुरानी रूढ़िवादी अवधारणाओं को तोड़ कर, आज समाज में लोग बेटियों की चाह रख रहे है, आधुनिक समय में बेटियाँ बेटो से 4 कदम आगे है, हर क्षेत्र में बेटियां अपना परचम लहरा रही है। प्राचीन समय में लोग बेटी को बोझ समझते थे और समझे भी क्यों नहीं, क्योंकि समाज में बहुत सी कुरीतिया जो अपना मुंह वा के खड़ी थी।

दहेज़ प्रथा, सती प्रथा और ना जाने क्या क्या परंतु आज शिक्षा और जागरूकता के प्रभाव से बेटियों ने समाज में अपना एक अच्छा स्थान बनाया है और आज माता पिता भी गर्व करते है, अपनी बेटियों पर, हमारे सामने एक जीता जागता उदाहरण है, विशाल झारेकर और उनका परिवार।

बेटी का जनम और ढेर सारी खुशियां

विशाल झारेकर (Vishal Zarekar) जी ने एक अख़बार से वार्तालाप करने पर बताया कि उनके परिवार में काफी लंबे अरसे से कोई बेटी नहीं थी तो राजलक्ष्मी के जनम पर उन्होंने और उनके परिवार ने अलग ढंग से अपनी नन्ही सी बिटिया का स्वागत किया।

राजलक्ष्मी (Rajlashmi) का जनम 22 जनवरी को उनके ननिहाल भोसरी ग्राम में हुआ था। जनम के बाद 2 अप्रैल को वह पहली बार अपने घर पुणे महाराष्ट्रा (Maharashtra) के शेलगावँ (Shelgaon) आ रही थी, तो उनके पिता ने 1 लाख रुपए लगा कर एक हेलीकाप्टर (Chopper) बुक किया और अपनी पत्नी के साथ बेटी को लेकर घर पंहुचा।

स्वागत देखने के लिए पूरा गावँ इकठ्ठा हुआ

बेटी के वेलकम के लिए परिवार वालों ने उन पर पुष्प गिराए और उनकी राहों पे भी पुष्प बिखराए पूरा परिवार बेटी के जनम पर बहुत ही उत्साहित थे, उनका स्वागत देखने के लिए पूरा गावँ इकठ्ठा हो गया।

हेलीकॉप्टर (Helicopter) से उन्होंने 20 मिनट में 25 किमी की दूरी तय कर ली थी। नवजात बेटी के इस अंदाज भरे स्वागत को देखने के लिए पूरा गांव एकत्रित हो गया। हेलीकॉप्टर को एक खुले मैदान में बने एक अस्थायी हेलीपैड पर उतारा गया। बेटी के स्वागत की एक क्लिप सोशल मीडिया पर चर्चित हो रही है।

अब के समय में बहुत से शहरो और गावँ में बेटी के पैदा होने की ख़ुशी में बहुत सी प्रथाओं का चलन हो गया है, माता पिता अपनी खुशी जाहिर करने के लिए कही पर वृक्षारोपण किया जाता है, तो कही ढेर सारी मिठाईया बाटी जाती है।

कुछ समय पहले भोपाल के एक पानी पताशे वाले के घर में बिटिया का जनम हुआ था, जिससे उसने मुफ्त में पनिपताशे खिलाए थे बेटियां बेटों से कम नहीं है। आज लोग बेटी होने पर गम नही करते बल्कि उसके आने का स्वागत करते है।

लक्ष्मी के आने से सब खुश हुये

बेटी घर में लक्ष्मी का स्वरूप होती है। इसी बात पर एक बुजुर्ग दम्पति ने कहा कि, बेटी पैदा होने पर जश्न का यह बहुत अच्छा तरीका है। समाज में एक ओर जहां बहुत से लोग पुत्र-जन्म की कामना करते हुए बेटी को खोख में ही मा-र देते है, वहीं दुसरो ओर ये परिवार सबको मिसाल देते हुये अपनी नवजात बच्ची को हेलीकॉप्टर से गृहप्रवेश कराया है। उनका कहना है​ कि, हम घर में लक्ष्मी के आगमन से खुश हो गए हैं।


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