गाय का शुद्ध दूध बेचकर 27 साल की लड़की ने खड़ी की खुद की कम्पनी, आज है 1 करोड़ का टर्नओवर

Bengluru: भारत में प्राचीन काल से ही अच्छी सेहत के लिए दूध के महत्व को बताया गया है। भारत की प्राचीन संस्कृति में कृषि के साथ साथ गौ पालन के बारे में बताया जाता है। गाये के दूध में कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो मानव जीवन और सेहत के लिए लाभकारी होते है। अब दूध शुद्ध होना चाहिए।

बाजारों में अशुद्ध और मिलावटी दूध से आज हर कोई परेसान है। कुछ पैकेट वाले दूध मिलते हैं, जो कि किसी ना किसी रासायनिक प्रक्रिया से होने के बाद हमें मिलते हैं, क्योंकि एक या दो दिन मे खराब होने वाला दूध चार महीनों पांच महीने चले यह सम्भव नहीं है।

बिना किसी रासायनिक मिलावट के चाहे वह रसायन स्वास्थ के लिए उचित हो, लेकिन हैं तो मिलावटी ही इसी समस्या से शिल्पा सिन्हा भी परेसान थी, जिन्होंने एक कंपनी (Dairy Startup) की शुरुआत की जो शुद्ध और बिना मिलावटी दुध का दावा करती है।

शिल्पी सिन्हा के बारे में जानें: शिल्पी सिन्हा (Shilpi Sinha) झारखंड (Jharkhand) के डाल्टनगंज (Daltonganj) की निवासी हैं। यहां शिल्पी हमेशा अपने दिन को प्रारंभ एक कप दूध से करती थी। शिल्पी ने योरस्टोरी को बताया कि महानगर (Metropolitan) में जाने के बाद उन्हें शुद्ध और बिना किसी मिलावट वाले गाय का दूध पीने के महत्व का एहसास हुआ।

शुद्ध दूध क्यों: द मिल्क इंडिया कंपनी (The Milk India Company) गाय का शुद्ध दूध का प्रस्ताव देती है। ये कच्चा दूध होता है, जिसे न ही पाश्चरीकृत किया गया होता है और न ही किसी प्रक्रिया से गुजारा गया होता है। फिलहाय यह स्टार्टअप बेंगलुरु (Bengluru) के सरजापुर (Sarjapur) से 10 किलोमीटर के क्षेत्र में 62 रुपये प्रति लीटर के मूल्य पर दूध बेचती है।

उन्होंने बताया मैं कोई भी ऑर्डर लेने से पहले माताओं से उनके बच्चे की आयु के विषय में पूछती हूं। अगर वह कहती है कि बच्चा एक वर्ष का भी नहीं है, तो हम उन्हें प्रतीक्षा करने को कहते हैं और उन्हें डिलीवरी नहीं देते हैं।

किसानों के साथ काम: कारोबार (Business) शुरू करने के लिए, शिल्पी ने कर्नाटक और तमिलनाडु के 21 गांवों को घूमे। वहां के किसानों से बातचीत की और अपने बिजनेस मॉडल को उन्हें समझाया और उन्हें आपूर्तिकर्ता के तौर पर अपने साथ जोड़ा।

हालांकि वक़्त और जज्बे के साथ उन्होंने कई किसानों को अपने साथ जोड़ लिया। इसकी शुरुआत उन्होंने मवेशियों के देखभाल में किसानों को आने वाली समस्याओं का समाधान करने से की। वह उस समय को याद करते हुए बताती हैं, हम उन्हें तत्काल चिकित्सा और पशु चिकित्सा सहायता (Animal Treatment Help Service) मुहैया कराया।

उन्होंने केवल 11,000 रुपये की प्रारंभिक निधिकरण से इसे शुरू किया थी, जो आज एक लाभदायक कारोबार बन गया हैं। उन्होंने कंपनी (Milk India) का कार्य शुरू होने के, पहले दो साल में 27 लाख रुपये और 70 लाख रुपये का वार्षिक कारोबार किया शिल्पा अब निधि जुटाने और कंपनी के विस्तार की तैयारी कर रही हैं।


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